आदरणीय पालकगण] शिक्षकवर्ग एवं प्यारे विद्यार्थियों
The Real India lives in villages,
यह तथ्य आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना यह स्वतंत्रता के समय था। किसी भी राष्ट्र का विकास उसके समाजजनों की शिक्षा पर निर्भर करता है। स्कूली शिक्षा मात्र परीक्षा उत्तीर्ण करने या नौकरी / रोजगार प्राप्त करने का साधन नहीं है। शिक्षा विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व एवं अन्तर्निहित क्षमताओं के विकास करने और स्वस्थ जीवन निर्माण के लिए भी आवश्यक है। शिक्षा प्रत्येक बच्चे को श्रेष्ठ मानव बनने की ओर प्रवृत करे तभी वह सार्थक सिद्ध हो सकती है। कहा भी गया है ^^सा विद्या या विमुक्तये^^।
महानगरों में उपलब्ध सुविधाओं एवं अवसरों के सापेक्ष ग्रामीण क्षेत्र के सीमित संसाधनों एवं क्षमताओं के अंतर को दूर करना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था में शिक्षा के मूल सिद्धांतों के साथ-साथ आधुनिक अनुसंधानों का कुशल समावेश भी अपरिहार्य है। स्वामी विवेकानंद एज्युकेशन एकेडमी पाड़लिया देवास क्षेत्र के बच्चों के लिए सर्वसुविधायुक्त परिसर में प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्चतर विद्यालय शिक्षा के सुलभ अवसर उपलब्ध कराने हेतु कार्यरत् है। वर्तमान समय में विद्यालयों में ऐसे वातावरण का निर्माण आवश्यक है। जो विद्यार्थी की रचनात्मकता, काल्पनिकता, विवेचनात्मकता और समस्या के समाधान से संबंधित कौशल के विकास पर आधारित हो। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही वर्तमान समय की आवश्यकता है।
वर्तमान में चल रही शिक्षा पद्धति में कई खामियां थीं इसको दृष्टिकोण में रखते हुए भारत सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है, आगामी 5 वर्षों में इसका परिणाम सामने आने लगेगा इस हेतु संस्थान पूर्णतः तैयार है। भविष्य में संस्थान द्वारा व्यक्तित्व एवं बौद्धिक विकास हेतु कई योजनाएं प्रस्तावित है जो कि धीरे-धीरे धरातल पर लाई जाएंगी।
मेरा हृदय गर्व और प्रसन्नता से भर जाता है जब में संस्था के उद्देश्यों एवं मूल्यों को अपने छात्र / छात्राओं में प्रत्यक्ष रूप से विकसित होते हुए देखता हूँ। प्रबंधन समूह की ओर से मैं बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ। अनन्त शुभकामनाओं के साथ।
संजय पाटवाला
संस्थापक एवं अध्यक्ष
सुभद्रांचल एज्युकेशन एंड
वेलफेयर सोसायटी